मापन की SI इकाई या मानक पद्धति
इसे International system of standard units या SI Unit (मापन की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति) कहते हैं | इसका उपयोग विज्ञान, उद्योग और दवाइयों के क्षेत्रों में किया जाता है |
मुख्य बिंदु
विज्ञान के हर क्षेत्र में मापन किया
जाता है और उन्हें समझ कर दूसरों के साथ उसका साझा किया जाता है दूसरे शब्दों में
हम सभी को एक आधारभूत भाषा की जरूरत होती है जिसे सभी समझ सके एस आई पद्धति को मेट्रिक सिस्टम भी कहा
जाता है इसका उपयोग पूरी दुनिया में किया जाता
है एस आई पद्धति की साथ आधारभूत इकाइयां
हैं बीटर किलोग्राम सेकंड केल्विन एंपियर
मॉल और कैंडेला जो ज्योति तीव्रता की इकाई है
मुख्य शर्ते
एस आई पद्धति एस आई पद्धति इकाइयों की
एक श्रृंखला है जिसे
बड़े पैमाने पर वैज्ञानिक दुनिया में
स्वीकार किया जाता है
एक आधारभूत भाषा की जरूरत
विज्ञान के क्षेत्र में मापन किया जाता
है उन्हें समझा जाता है और दूसरों के साथ साझा किया जाता है दूसरे शब्दों में हम
सब को एक आधारभूत भाषा की जरूरत होती है जिसे सब समझ और बोल सकें चाहे आप राशन
शास्त्री हो या भौतिक शास्त्री या जीव विज्ञानी या इंजीनियर या कि एक डॉक्टर आपको
आकार द्रव्यमान तापमान समय मात्रा ऊर्जा शक्ति और गति जैसी चीजों के मापन के लिए एक सुसंगत मार्ग की
आवश्यकता होती है
उस स्क्रीन की कल्पना कीजिए जिस पर अभी आप यह शब्द पढ़ रहे हैं हो सकता है यह एक एलसीडी स्क्रीन है जिसे तरल
क्रिस्टल से बनाया गया है जिस रसायन विज्ञानी
ने तरल क्रिस्टल के लिए जो यह विशेष फार्मूला बनाया है उसे एक इंजीनियर को बताने के लिए मापन के एक ऐसे माध्यम की आवश्यकता
होगी जिसे वह इंजीनियर समझ कर उस तरल क्रिस्टल का उत्पादन कर सकेगा और इस तरह बदले
में वह इंजीनियर दूसरे इंजीनियरों भौतिक
विज्ञानी रसायन विज्ञान के साथ मापन के उस माध्यम को साझा करके कंप्यूटर के बाकी उपकरण जैसे
डिस्प्ले स्क्रीन इलेक्ट्रॉनिक सर्किट आदि की रूपरेखा तैयार कर सकेगा यदि यह लोग
एक ही तरह की आधारभूत भाषा का उपयोग नहीं करेंगे तो वह एक दूसरे के साथ ठीक से
सूचनाओं का आदान-प्रदान नहीं कर पाएंगे तथा उन्हें सूचनाओं को समझने में काफी
दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा
मापन की अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली(फ्रेंच
शब्द सिस्टम इंटरनेशनल डे यूनिट से लिया गया
है) एक मापन की प्रणाली है जिसका उपयोग विज्ञान के क्षेत्र में उद्योग के क्षेत्र में और
दवाइयों के क्षेत्र में किया जाता है
आप जहां रहते हो वहां की मापन की
प्रणाली से आप भली भांति परिचित हो गए जैसे मैं जहां रहता हूं वहां दूरी के लिए किलोमीटर तौलने के लिए एक
किलोग्राम का उपयोग किया जाता है दूसरी जगहों पर यह जहां आप रहते हो हो सकता है
वहां दूरी के लिए बीगा
नापने के लिए तांबी या किसी और तरह की मापन पद्धति का उपयोग किया जाता है और यह सामान्य
बात है इसी तरह पूरी दुनिया में वैज्ञानिकों के
बीच मापन की एस आई पद्धति उपयोग में लाई
जाती है
एस आई पद्धति की इकाइयां
द्रव्यमान के लिए किलोग्राम
समय के लिए सेकंड
तापमान के लिए केल्विन
विद्युत के लिए एंपियर
पदार्थ की मात्रा के लिए मोल
ज्योति तीव्रता के लिए कैंडेला
दूरी किलोमीटर
एक बात स्पष्ट है कि आधुनिक समय ने एस आई पद्धति की हर एक इकाई को मापन के शर्तों पर परिष्कृत किया है उदाहरण के लिए किसी प्रकाश स्त्रोत की ज्योति तीव्रता का मानक मापन दुनिया के हर
प्रयोगशाला में एक ही तरीके से किया जाता है यदि कोई प्रकाश स्त्रोत 20 कैडिला की ज्योति तीव्रता उत्पन्न करने के लिए बनाया गया है तो इस
बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसे अमेरिका के किसी प्रयोगशाला में बनाया गया है या चाइना की किसी प्रयोगशाला में 24 कैडिला की ही ज्योति तीव्रता उत्पन्न करेगाइस तरह एस आई पद्धति का उपयोग सभी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को एक आधारभूत भाषा प्रदान करता है
एस आई प्रणाली का इतिहास
मापन की एसआई प्रणाली का बड़ा रोचक
इतिहास है समय के साथ
यह सरल साफ-सुथरे और परिष्कृत होते गए
मीटर को पृथ्वी
के भूमध्य रेखा से उत्तरी ध्रुव के बीच
की दूरी जो पेरिस से होते हुए परिधि का निर्माण करती है के 1 बटा एक करोड़ में भाग से परिभाषित किया
जाता था आधुनिक मापन पद्धति में इसे इकाई समय में निर्वात में प्रकाश की रफ्तार के आधार पर परिभाषित किया गया है जोकि होती है
किलोग्राम को पहले लीटर के द्रव्यमान से
परिभाषित किया जाता था
अर्थात 1 क्यूबिक मीटर का 1000 वां हिस्सा अभिषेक प्लैटिनम इरीडियम के द्रव्यमान किलोग्राम से
परिभाषित किया जाता है इसके नमूने की देखरेख फ्रांस में the Bureau International des Poids et
Mesures द्वारा की जाती है
सेकंड पहले दिन के 24 घंटों पर आधारित था जिसमें हर घंटे को 60 मिनट में बांटा गया था और हर मिनट 60 सेकंड हालांकि हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी अपना एक चक्कर पूरा करने
में 23 घंटे और 56 मिनट और 4.1 सेकंड का समय लेती है इसीलिए सेकंड को सीसियम 133 परमाणु के 9,192,631,770
विकिरण अवधि पूरा
करने में
लगे समय से परिभाषित किया जाता है जोकि उसके निम्न उर्जा स्तर
से हाइपर लाइन ऊर्जा स्तर ()में संक्रमण के दौरान पैदा होता है
एंपियर इकाई समय में किसी इलेक्ट्रिक सर्किट से गुजरने वाले विद्युत आवेश को
मापने की इकाई है 6.241×1018
इलेक्ट्रॉन्स या गुलाम पर सेकंड 1 एंपियर कहलाते हैं
ऊष्मागतिकी में तापमान के पैमाने की
इकाई केल्विन है यह पैमाना जीरो से शुरू होता है केल्विन के पैमाने मेंमें बढ़ोतरी सेल्सियस के पैमाने में में डिग्री की बढ़ोतरी की तरह ही होती है से
सेंटीग्रेड भी कहा जाता है केल्विन ऊष्मागतिकी में पानी के त्रिक बिंदु का भिन्न है( एक्जेक्टली 0.01 डिग्री सेंटीग्रेड या 32.108 डिग्री फॉरेनहाइट)
मोल एक संख्या है जो अणुओं और परमाणुओं के द्रव्यमान को कणों की स्थिर संख्या से जोड़ती हैइसे पदार्थ की मात्रा
से परिभाषित किया जाता है जोकि कार्बन 12 के परमाणु के भार के बराबर है
ज्योति तीव्रता की इकाई कैंडेला है
पुराने समय में प्रकाश का सामान्य साधन कैंडल
या मोमबत्तियां होती थी( क्योंकि अधिकतर लोगों द्वारा मूर्तियों का उपयोग किया
जाता था इसलिए उसके गुण मानक थे) अब अधिक उद्दीप्त और प्रतिदीप्ति प्रकाश स्त्रोत के उपयोग के कारण कैंडेला को
ज्योति तीव्रता से परिभाषित किया जाता है जो कि किसी दी गई दिशा में स्त्रोत द्वारा 540 पॉइंट 02 पावर ट्रेलर हर्ट्स
की फ्रीक्वेंसी का एक वर्णी विकिरण उत्पन्न करता है और उसी दिशा में उस स्त्रोत की विकिरण की
तीव्रता वन अपॉन 63 व्हाट पर स्टेरेडियम होती है
S.i. इकाई के प्रीफिक्स और घातांक
अब जब हम s.i. पद्धति के बारे में जानते हैं यह
वैज्ञानिक और इंजीनियर
को क्या सहूलियत देता है इसे जानने के
लिए हम मापन के कुछ पहलुओं पर विचार करते
हैं
एस आई पद्धति 10 की खातों पर आधारित है क्या आप इसे दार्शनिक पद्धति भी कह सकते हैं
इसके अंतर्गत मापन की एक पद्धति से दूसरे पद्धति में रूपांतरण बहुत सुविधाजनक और
सरल हो जाता है
उदाहरण के लिए जब हम अनु गतिकी का अध्ययन करते हैं तो हमें कुछ शब्द मिली सेकंड और नैनो
सेकंड देखने को मिलते हैं जब एक बार आप इसके अभ्यास के आदी हो जाते हैं तब आपको यह समझते देर नहीं लगती
की 1 मिली सेकंड 1 सेकंड का 1000 वां हिस्सा है और 1 मिली सेकंड एक नैनो सेकंड से पढ़ा होता है जो की 1 सेकंड का एक अरब वाह सा होता है या 10 की घात- 9 सेकेंड्स
यहां पर चार्ट इंक्लूड करना है
यहां 20 स्वीकृत घातांक दिए गए हैं एक खाता का उपयोग मूल इकाई से * के रूप में या मूल इकाई के भिन्न
के रूप में उसकी पहचान के लिए किया जाता है उदाहरण के लिए किलो 1000 के * को दर्शाता है इस तरह 1 किलोमीटर में 1000 मीटर होते हैं इसी तरह मिली 1000 विभाग को दर्शाता है इसलिए 1 मीटर में 1000 मिलीमीटर होते हैं
यहां पर भी चार्ट इंक्लूड करना है
ध्यान रखने वाली बात यह है की प्रीफिक्स
जुड़ते नहीं है इसीलिए 1 मीटर का 100000 मा हिस्सा माइक्रोमीटर होता है पर चाय मिली मिली मिली मीटर के और 1 किलोग्राम का लाखों हिस्सा मिलीग्राम होता है माइक्रो मिलीग्राम नहीं
एक माइक्रोन का उपयोग ( एक तरह का मापन
है जो अक्सर भौतिकी और इंजीनियरिंग में देखने को मिलता है)बिल्कुल उसी तरह किया
जाता है जैसे एक माइक्रोन बराबर जैन टू द पावर माइनस 6 मीटर इसका दूसरा पुराना रोग मिलीमाइक्रों जोकि माइक्रोमीटर का 1000 में भाग होता है या या 22:00 टू द पावर माइनस सिक्स मीटर का 1000 वां भाग या 10 टू द पावर माइनस 9 मीटर का अभी से नैनोमीटर कहा जाता है यह पुराने तरीके साधारण रूप से कम ही इस्तेमाल किए जाते हैं यह अक्सर पुराने प्रकाशन की किताबों में देखने को मिलते हैं इनके
आधुनिक रूपों की जानकारी बहुत लाभदायक होती है
आयतन और घनत्व
किसी पदार्थ का आयतन बताए गए ताप और दाब पर उस पदार्थ की मात्रा पर निर्भर करता है
किसी पदार्थ के आयतन को सेंटीमीटर क्यूब
मीटर क्यूब या डीएमक्यू ब की मात्रकों में मापा जाता है
घनत्व बताता है कि बताए गए गए तापमान और दबाव की स्थितियों में पदार्थ की कितनी मात्रा कितना स्थान घेरती है किसी पदार्थ के घनत्व का उपयोग पदार्थ को परिभाषित करने के लिए किया जाता है|
पानी जमकर बर्फ बन जाने पर असामान्य
व्यवहार करता है पानी का ठोस रूप बर्फ है जिसका घनत्व कम होता है और इसीलिए वह पानी के ऊपर तैर जाता है
मुख्य शर्ते
आयतन तीनों विमाओं
या थ्री डी थ्री डाइमेंशंस में मापन की
इकाई है जिसमें लंबाई चौड़ाई और ऊंचाई आते हैं इसे क्यूबिक मीटर की धार्मिक
प्रणाली या दशमलव वाली संख्याओं में मापा जाता है
घनत्व दिए गए आयतन में स्थित द्रव्य की
मात्रा है
आयतन और घनत्व
पदार्थ के गुणों को कई तरीकों से बताया जा सकता है पदार्थ की किसी भी मात्रा
में आयतन होता है अगर आपके पास दो अलग-अलग आकार के पात्र
हो और तो दोनों में ही पानी की अलग-अलग मात्रा या आयतन धारण करेंगे आयतन की इकाई
एस आई पद्धति के लंबाई की इकाई से बताई जाती है और यह एस आई पद्धति में इस मापन के
लिए आधारभूत इकाई नहीं है
अगर पानी के तू नमूनों का आयतन अलग होगा तब भी उनका घनत्व एक जैसा ही
होगा घनत्व के मापन की इकाई एस आई पद्धति के बुनियादी इकाइयों से आती है किसी पदार्थ का घनत्व की परिभाषा उसके इकाई आयतन में द्रव्यमान से दी जाती है इस उदाहरण में पानी के दोनों
नमूनों का आयतन अलग अलग है और इसलिए दोनों ही आयतन
में अपना अपनाअलग द्रव्यमान होगा पानी
के द्रव्यमान को ग्राम्स या किलोग्राम्स में बताया जाता है और इसके आयतन को लीडर्स क्यूबिक सैंटीमीटर्स या मिलीलीटर में मापा
जाता है घनत्व की घटना आयतन को उसके द्रव्यमान से विभाजित कर के की जाती है इस तरह घनत्व का मापन द्रव्यमान बटा आयतन की इकाइयों
में किया जाता है अक्सर ग्राम प्रति लीटर अगर पानी के दोनों नमूने एक ही तापमान पर
हैं तो उनका घनत्व बिलकुल एक जैसा होगा यदि नमूनों के आयतन की उपेक्षा कर दी जाए
मापन के उपकरण
यदि कभी आपने रसोई में खाना बनाया है तो
आपने किसी ना किसी तरह के मापन के कब को जरूर देखा होगा जो उसके उपयोग करता को तरल के आयतन की उचित
उचित मात्रा के निर्धारण में सहायता
प्रदान करता है मापन योग कप तरल के आयतन को दर्शाता है स्टैंडर्ड एस आई इकाई में
इसे लीटर और मिलीमीटर्स के रूप में दर्शाया जाता है
प्रयोगशाला में मापन के कांच के पात्र
वैज्ञानिक जो प्रयोगशाला में काम करते
हैं कांच के बने इन पात्रों से भली-भांति परिचित होते हैं इनमें टेस्ट ट्यूब फ्लास्क बिगर आदि शामिल है इनमें से हर एक पात्र
प्रयोगशाला में तरल के आयतन के अलग प्रयोजनों से मापन के उपयोग में आता है
पानी का घनत्व
अलग-अलग पदार्थों के अलग घनत्व होते हैं
तो इस तरह घनत्व अक्सर पदार्थ की पहचान
करने के लिए उपयोग में आता हैदो पदार्थों के घनत्व की तुलना से उन पदार्थों के एक
दूसरे पर परस्पर प्रभावों का अनुमान लगाया जा सकता है पानी का पदार्थों के लिए सामान्य मानक की तरह उपयोग किया जाता है किया जाता है और इसका घनत्व मानक तापमान और ताप
की परिस्थितियों में 1000 किलोग्राम प्रति मीटर क्यों होता है
स्टैंडर्ड टेंपरेचर एंड प्रेशर मानक तापमान और दबाव को एसटीपीपी कहा जाता जाता है
तुलना के लिए पानी के घनत्व का उपयोग
जब किसी वस्तु को पानी में रखा जाता है
तो यहउस वस्तु के घनत्व पर निर्भर करता है
कि वह पानी में तैर एगा या डूब जाएगा अगर वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से कम है
तो वह करेगा और यदि वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक है तो वह टूट जाएगा
उदाहरण के लिए लकड़ी के ढक्कन का घनत्व 240 किलोग्राम प्रति मीटर क्यों होता है इसलिए वह पानी की सतह पर तैर
जाता है हवा का घनत्व लगभग 1.2 किलोग्राम प्रति मीटर क्यों होता है इसलिए वह पानी की सतह पर तुरंत
ऊपर आ जाता है धातु सोडियम और पोटेशियम दोनों ही पानी की सतह पर तैर जाते हैं जबकि
लेट डूब जाता है
डेंसिटी आर्कमिडीज और गोल्ड ग्राउंड की
कहानी प्राचीन ग्रीस का राजा यह जानना चाहता था कहीं उसे सोने के व्यापारी ने भगा
तो नहीं है और उसके पास जो क्रॉउन है क्या वह शुद्ध सोने से बना हुआ है उन्होंने
आर्कमिडीज को बुलवाया जिन्होंने यह निर्धारित करने के लिए घनत्व का उपयोग करने का
निश्चय किया पर वह इससे क्राउन के आयतन का निर्धारण कैसे करते
तरंगों की प्रकृति होती है कि जब उन्हें
पानी में मिलाया जाता है तो वह एक परत का निर्माण करते हैं शक्कर अल्कोहल और ग्लिसरोल
पानी में डूब जाते हैं और एक अलग परत का
निर्माण करते हैं जब तक कि नहीं मिला नहीं दिया जाता ग्लिसरोल पानी में घुलनशील होता है वनस्पति तेल पानी के ऊपर तैरने लगता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसे कितनी ताकत से मिलाया जाता है वह
हमेशा एक परत के रूप में पानी के ऊपर आ जाता है तेल पानी में घुलनशील नहीं होता
पानी के घनत्व में बदलाव
पानी स्वयं जटिल और अनोखा अनु है यदि दबाव स्थिर भी रखा जाए तू भी तापमान में बदलाव के साथ
पानी का घनत्व बदलने लगता है आपको याद होगा पदार्थ की
तीन अवस्थाएं होती हैं ठोस द्रव और गैस( प्लाज्मा अवस्था की इस समय उपेक्षा कर देते हैं) यदि आप देखें तो
लगभग सभी पदार्थ अपनी ठोस अवस्था में या क्रिस्टल अवस्था में अपनी तरल
अवस्था की अपेक्षा अधिक घनत्व रखते हैं आप इसे आजमा कर देख सकते हैं आप किसी भी ठोस को उसके तरल के ऊपर रखें वह डूब जाएगा उदाहरण के लिए पिघले हुए
लोहे के ऊपर यदि ठोस लोहा रखा जाए तो वह डूब जाएगा वहीं दूसरी तरफ पानीकी तरल अवस्था के ऊपर के ऊपर उसकी ठोस अवस्था बर्फ को रखा जाए तो वह तैरने लगता है
यहां ध्यान से पानी के तापमान और उसके घनत्व के बीच का संबंध समझे हंड्रेड डिग्री सेंटीग्रेड से 4 डिग्री सेंटीग्रेड पानी का घनत्व लगातार बढ़ता है इस बिंदु पर आकर
घनत्व की प्रकृति उल्टी हो जाती है और जीरो डिग्री सेंटीग्रेड के बिंदु पर पानी भर
में बदल जाता है और तैरने लगता है इस सारणी में निश्चित दबाव पर अलग-अलग तापमान
ऊपर पानी के घनत्व को दिखाया गया है
इस साधारण से तथ्य में बहुत बड़ी बातें छुपी हैं जब झील जम जाती है तो ऊपर जमी बर्फ की परत झील के नीचे के पानी को वातावरण के तापमान से
अलग कर देती है जिससे नीचे का पानी जमने से बचाता है ठीकइसी समय 4 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान
का सबसे ठंडा पानी झील के तल मे डूब जाता है जब तक खेल लेख पूरा नहीं जम जाता यदि बर्फ तैरता नहीं तो झील के तन्मय डूब जाता जिससे और बर्फ बनते और तल मैं डूबते रहते जब तक की झील पूरी तरह पर्व में नहीं बदल जाता गोताखोरों ने अक्सर पानी के तापमान में इस तरह के बदलावों का अनुभव
किया है और उन्होंने झील के तल के समीप लगभग 4 डिग्री सेंटीग्रेड के ठंडे पानी की परत को भी अनुभव किया है पानी जैसे जैसे पानी ठंडा होते जाता है तरल पानी
का घनत्व वैसे-वैसे कम होते जाता है और वह ऊपर उठने लगता है |