" वैज्ञानिक विद्धि की दृष्टि से वैज्ञानिक पारिक्षण के अवयवों और अवलोकनों पर चर्चा "
मुख्य बिंदु
- वैज्ञानिक विधी में, किये गए अवलोकन प्रश्नों की ओर ले जाते है जिनके उत्तर आवश्यक होते है |
- वैज्ञानिक विधि में, प्रश्नों के उत्तर देने के लिए, परिकल्पना एक परीक्षण योग्य कथन है |
- वैज्ञानिक विधि में, परिकल्पनाओं के परीक्षा के लिए परिक्षण तैयार किये जाते है |
- वैज्ञानिक विधि में , परिणामों का मूल्यांकन बतलाता है की किसी परिकल्पना को स्वीकार किया जाएगा या अस्वीकृत कर दिया जाएगा |
मुख्य शर्ते
- वैज्ञानिक विधि: ज्ञान प्राप्त करने का मार्ग परिकल्पनाओं के परिक्षण और जमा किये गये आंकड़ों के आधार पर विकसित सिद्धांत पर आधारित होता है |
- प्रश्न : जिज्ञासा
- परिकल्पना : बुद्धिमानी से लगाया गया अनुमान, जो सधारण रूप से ' अगर.....तो ' के रूप में होता है |
- नियंत्रण समूह/Control Group: नियंत्रण समूह एक ऐसा समूह है जिसके पास प्रयोगात्मक समूह जैसी सारी आदर्श स्तिथियाँ होतीं हैं, लेकिन उन्हें परिकल्पना पर आधारित सुविधा नहीं दी जाती |
नियंत्रण समूह
मन लीजिए अपने कोई ऐसा फार्मूला बनाया है जिसको देने से पौधे जल्दी बढ़ते है | आप परिक्षण करना चाहते है की क्या सच में इस फार्मूला से पौधे जल्दी बढ़ सकते है | इसके लिएआप परीक्षण में एक ही तरह के पौधों का दो समूह बनातेपौधों के दोनों समूहों को एक ही तरह की परिस्तिथियों में रखते है | जिससे की उन्हें समान मात्र में पानी, खाद, धुप आदि की एक सामान सुविधाएं मिलती है | आप पौधों के एक समूह को अपना फार्मूला देते हो, इस तरह वो समूह परिक्षण समूह बन जाता है और जिस समूह को आप फार्मूला नहीं देते हो वो नियंत्रण समूह (Control Group) बन जाता है | इस तरह नियंत्रण समूह को आपका फार्मूला छोडकर बाकि सारी सुविधाएँ प्राप्त होती है | इससे परिणामो की तुलना आसानी से की जा सकती है और ये देखा जा सकता है की परिकल्पना सही थी या नहीं |
वैज्ञानिक विधि
Francis Bacon |
लोग सहज रूप से इस प्रकृति में घटने वाली समान्य असमान्य घटनाओं का अवलोकन करते है | जो भी उन्होंने देखा, सुना या महसूस किया, उनका किया गया ये अवलोकन स्वाभाविक रूप से कई प्रश्नों को जन्म देता है | इन प्रश्नों का सम्भावित उत्तर उनका कोई विचार या परिकल्पना हो सकती है| इनमे से सबसे अच्छी परिकल्पना उन्हे पूर्वानुमान तक ले जाती है जिसका कई तरह से परिक्षण किया जा सकता है |किसी परिकल्पना की सही परीक्षा सावधानी पूर्वक किये गए परिक्षणों के आंकड़ों और दिए गए तर्कों पर आधारित होता है |उस परिकल्पना में सुधार की आवश्यकता है या विस्तार की, क्या उस परिकल्पना में बदलाव किया जाना चाहिए ? या उसे अस्वीकृत कर दिया जाना चाहिए ? ये पूर्वानुमान के आधार पर किये गए अतिरिक्त परीक्षणों के स्वरूप पर निर्भर करता है |
एक परिकल्पना को हमेशा परीक्षण के योग्य होना चाहिए भले ही उसे पारिक्षण के जरिये नकारा जाना क्यों न हो | उदाहरण के तौर पर अलौकिकता (आत्मा, परमात्मा ) का ना तो परिक्षण किया जा सकता है और इसलिए उसे नकारा भी नहीं जा सकता | इस तरह के पूर्वानुमानो को परिकल्पनाओं से बाहर कर दिया जाना चाहिए | अगर ऐसा नहीं किया गया तो परिकल्पनाओं का अर्थ पूर्ण ढंग से परिक्षण नहीं किया जा सकेगा | यहाँ ध्यान देने योग्य बात ये है की विज्ञान कुछ भी साबित करने की कोशिश नहीं करता विज्ञान की समझ परीक्षणों के आधार पर भविष्य में आने वाले नतीजो के अधीन होती है | जैसे थोमसन (1897) द्वारा प्रस्तावित परमाणु के पल्म पुडिंग माडल को वैज्ञानिकों द्वारा स्वीकार कर लिया गया था , पर अब परमाणु की क्वांटम संरचना मान्य है |
वैज्ञानिक विधि को अध्यन के लगभग सभी क्षेत्रों में लागु किया जा सकता है | वैज्ञानिक विधि के छे (6) बुनियादी और एक पुनर्निवेशित चरण है |
वैज्ञानिक विधि का एक उदाहरण: बाइक का ख़राब हो जाना |
चलिए रोजमर्रा की दिनचर्या में हमारे द्वारा किये गए कुछ अवलोकनों में से किसी एक पर वैज्ञानिक विधि के इन चरणों को लागु करके देखते हैं |
* अवलोकन (Observation)
कल्पना कीजिए आप एक दिन अपनी बाइक से कहीं जा रहे है, और रस्ते में अचानक ही आपकी बाइक कहीं खराब हो जाती है |
* प्रश्न (Quastion)
आपके मन में अपने आप ही ये सवाल उठ जाता है की बाइक आखिर क्यों बंद हो गई |
* परिकल्पना (Hypothesis)
आप सोचते हो की बाइक का पेट्रोल ख़त्म हो गया या प्लग में कार्बन आ गया होगा ?
* पूर्वानुमान (Prediction)
आप पूर्वानुमान लगते हो की यदि आप पेट्रोल की टंकी खोलकर देखोगे तो आपको इस बात का पता लग जाएगा की सच में पेट्रोल ख़त्म हो गया है या बाइक बंद होने की कोई और वजह है |
* परिक्षण (Experiment)
आप पेट्रोल की टंकी खोलकर देखते हो |
* अवलोकन (Observation)
कल्पना कीजिए आप एक दिन अपनी बाइक से कहीं जा रहे है, और रस्ते में अचानक ही आपकी बाइक कहीं खराब हो जाती है |
* प्रश्न (Quastion)
आपके मन में अपने आप ही ये सवाल उठ जाता है की बाइक आखिर क्यों बंद हो गई |
* परिकल्पना (Hypothesis)
आप सोचते हो की बाइक का पेट्रोल ख़त्म हो गया या प्लग में कार्बन आ गया होगा ?
* पूर्वानुमान (Prediction)
आप पूर्वानुमान लगते हो की यदि आप पेट्रोल की टंकी खोलकर देखोगे तो आपको इस बात का पता लग जाएगा की सच में पेट्रोल ख़त्म हो गया है या बाइक बंद होने की कोई और वजह है |
* परिक्षण (Experiment)
आप पेट्रोल की टंकी खोलकर देखते हो |
*परिणामो का मूल्यांकन (Analyzing the Results)
यहाँ दो निम्नलिखित सम्भावनाएं हो सकतीं है -
1. पेट्रोल नहीं था |
2. पेट्रोल था |
पहली स्तिथि (पेट्रोल नहीं था) में, जब कोई परिकल्पना सही निकलती है तो आप उसे पूरी तरह से समझने के लिए कुछ और परिकल्पनाएँ कर सकते हो |उदाहरन के लिए पेट्रोल कैसे ख़त्म हो गया |
दूसरी स्तिथि (पेट्रोल था) यदि आपकी परिकल्पना गलत निकलती है तो ये दूसरी परिकल्पना को जन्म देती है और ये नई परिकल्पना नए पूर्वानुमान को उदाहरण के लिए यदि पेट्रोल है तो कहीं प्लग में कार्बन तो नहीं आ गया होगा | इस तरह दूसरी स्तिथि पुनर्निवेश के चरण की और ले जाती है |
यदि परिकल्पना सफलता पूर्वक इस सारी शर्तों को पूरा कर लेती है तो वो सिधांत के रूप में विकसित हो सकती है |
वैज्ञानिक विधि कठोर और संरचनात्मक जरुर है और वैज्ञानिक इन्ही चरणों का अनुसरण करते है, लेकिन इसमें लचीलापन भी है | विज्ञान का व्यवहार हमेशा इतना सरल नहीं होता | सितारों का जीवनकाल लाखों वर्ष का होता है और ब्रम्हांड के जन्म को गणित और तर्कों पर समझाया जाता है | हमेशा सवालों के जवाब ढूँढने के लिए दृढ नियमों का पालन नहीं किया जा सकता फिर भी वैज्ञानिक लगातार अनुमान लगाते हैं, समानता तलाशते हैं,
निशान ढूढ़ते है और इस तरह उनका अनुसन्धान आगे बढ़ता है |
किसी चीज़ को देखने का नजरिया अलग हो सकता है, प्रश्न करने के तरीके अलग हो सकते हैं, परीक्षणों के दायरे बदल सकते है और इनके परिणाम सकारात्मक भी हो सकते है और नकारात्मक भी, पर ये विज्ञान एवं वैज्ञानिको को समर्पि होता है | इस तरह विज्ञान, ज्ञान का एक और नया आयाम ढूंढ निकलता है, जो विज्ञान के उन अनगिनत रहस्यों के लिए एक आशा की किरण की तरह है जो इस उम्मीद में हैं की किसी दिन कोई वैज्ञानिक उन्हें भी ढूंढ निकलेगा |
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