पदार्थ के भौतिक और रासायनिक गुण
पदार्थ के गुणों को आंतरिक या बाह्य गुणों या भौतिक और रासायनिक गुणों में बांटा जात है
मुख्य बिंदु
- पदार्थ के सभी गुण या की भौतिक होते हैं या की रासायनिक | भौतिक गुण आंतरिक या बाह्य होते हैं |
- बाह्य गुण जैसे द्रव्यमान और आयतन उस पदार्थ की मात्रा पर निर्भर करते हैं, जिसका मापन किया जाना है |
- आंतरिक गुण जैसे घनत्व और रंग पदार्थ की मात्रा पर निर्भर नहीं करते हैं |
- भौतिक गुणों का मापन पदार्थ की रासायनिक पहचान बदले बिना किया जा सकता है |
- रासायनिक गुणों का मापन पदार्थ की रसायनिक पहचान बदलकर ही की जा सकती है |
मुख्य शर्ते
- आंतरिक गुण पदार्थ की वह विशेषता है, जो की मात्रा पर निर्भर नहीं करती है |
- बाह्य गुण पदार्थ की वह विशेषता है जो उसकी मात्रा पर निर्भर करती है |
- भौतिक गुण पदार्थ की वह विशेषता है | जिसका निर्धारण पदार्थ की रासायनिक पहचान बदले बिना किया जा सकता है |
- रासायनिक गुण पदार्थ की वह विशेषता है जिसका निर्धारण पदार्थ की रासायनिक पहचान को बदले बिना नहीं किया जा सकता |
पदार्थ के सभी गुण या तो आंतरिक होते
हैं या तो बाह्य या तो भौतिक होते हैं या तो रासायनिक | बाह्य गुण जैसे द्रव्यमान और आयतन पदार्थ की उस मात्रा पर निर्भर करता है | जिसका मापन किया जाना है | वहीँ पदार्थ के आंतरिक गुण, जैसे घनत्व और रंग पदार्थ की मात्रा पर निर्भर नहीं करते हैं |आंतरिक और बाह्य दोनों ही गुण पदार्थ के भौतिक गुणों में आते हैं | जिसका मतलब है कि इनका निर्धारण
पदार्थ की रासायनिक पहचान बदले बिना किया जा सकता है | उदाहरण के लिए किसी पदार्थ का
हीमांक उसका भौतिक गुण है | जैसे पानी जब जम जाता है, तब भी वह पानी ही रहता है बस वह उसकी एक दूसरी भौतिक अवस्था होती है | जिसे हम बर्फ कहते हैं |
भौतिक गुण
भौतिक गुण वह गुण है जिसका अवलोकन और
मापन पदार्थ की रासायनिक प्रकृति बदले बिना किया जा सकते हैं भौतिक गुणों के कुछ
उदाहरण इस प्रकार हैं
- रंग (आंतरिक),
- घनत्व (आंतरिक),
- आयतन (बाह्य) ,
- द्रव्यमान (बाह्य),
- क्वथनांक (आंतरिक) : वह तापमान जिस पर कोई पदार्थ उबलता है |,
- गलनांक (आंतरिक) : वह तापमान जिस पर कोई पदार्थ गलना आरंभ कर देता हैं|,
रसायनिक गुण
आपको याद होगा कि रसायनिक गुण की परिभाषा हमें बताती है, कि पदार्थ के रसायनिक गुण का निर्धारण पदार्थ की
रासायनिक संरचना को बदलकर ही किया जा सकता है |आपको आगे इस तरह के कुछ उदाहरण दिए
जा रहे हैं |
दहन की उष्मा वह उर्जा है, जो एक योगिक
ऑक्सीजन के साथ जलकर उत्पन्न करता है दहन की ऊष्मा का चिन्ह है | किसी यौगिक रसायनिक स्थिरता बताती है कि क्या कोई
योगिक पानी और हवा के साथ क्रिया करता है रासायनिक रूप से स्थिर यौगिक क्रिया नहीं
करते हैं हाइड्रोलाइसिस और ऑक्सीकरण दो इसी तरह के उदाहरण है और इन दोनों में
रासायनिक परिवर्तन होता है |ज्वलनशील ता हमें बताती है कि क्या कोई
पदार्थ आग में डालने पर जल जाएगा और जलना भी एक रासायनिक अभिक्रिया है जो कि उच्च
तापमान पर ऑक्सीजन की उपस्थिति में होती है | ऑक्सीकरण कि वह निम्न ऊर्जा स्तर है | जिस पर धातु अभिक्रिया के दौरान पहुंचने
की कोशिश करता है (अगर कोई दूसरा तत्व मौजूद है इलेक्ट्रॉन्स देने के लिए या
इलेक्ट्रॉन्स लेने के लिए) |
पदार्थ में दो तरह के बदलाव होते हैं : एक
भौतिक और एक रासायनिक | जैसे कि इनकी नाम बताते हैं |भौतिक परिवर्तन पदार्थ के भौतिक
गुणों में परिवर्तन है और रासायनिक परिवर्तन पदार्थ के रासायनिक गुणों में | कई भौतिक बदलाव उत्क्रमणीय होते हैं जैसे गर्म हो जाना या ठंडा हो
जाना | वही रासायनिक बदलाव अक्सर अन उत्क्रमणीय होते हैं या केवल अतिरिक्त रासायनिक बदलावों के साथ उत्क्रमणीय हो सकते हैं |
भौतिक और रासायनिक बदलाव
पदार्थ में दो तरह के परिवर्तन होते हैं एक भौतिक परिवर्तन और दूसरा रासायनिक परिवर्तन
मुख्य बिंदु
- भौतिक परिवर्तन केवल पदार्थ के रूप को बदलता है | उसके रासायनिक संगठन को नहीं |
- रासायनिक परिवर्तन एक पदार्थ को पूरी तरह एक नए रासायनिक समीकरण के साथ नए पदार्थ में बदल देते हैं |
- रासायनिक बदलावों को रासायनिक अभिक्रिया भी कहा जाता है | अभिक्रिया के अवयवों को अभिकारक कहा जाता है और अंतिम परिणाम को उत्पात कहा जाता है |
मुख्य शर्ते
- रासायनिक बदलाव वह प्रक्रिया है | जिसमें पदार्थ एक रासायनिक समीकरण के साथ एक नए रासायनिक पदार्थ में बदल जाता है |
- रसायनिक अभिक्रिया वह प्रक्रिया है | जिसके अंदर बंधुओं का बनना टूटना और एक पदार्थ (पदार्थों) का दूसरे पदार्थ में परिवर्तित हो जाना आता है |
- भौतिक परिवर्तन वह प्रक्रिया है जो पदार्थ को मूल रूप से दूसरे पदार्थ में नहीं बदलती
भौतिक बदलाव
इसके बारे में सोचने का दूसरा तरीका यह
है कि भौतिक बदलाव पदार्थ को मूल रूप से दूसरे पदार्थ में नहीं बदलता | जबकि
रासायनिक बदलाव पदार्थ को रासायनिक रूप से नए पदार्थ में बदल देता है | उदाहरण के
लिए कांच का चूरा केवल उसके रूप में बदलाव है हमें पता है कि इस तरह कांच में कोई
रासायनिक परिवर्तन नहीं होता है | इसी तरह काटना, चीरना, तोड़ना, पीसना और मिलाना अदि पदार्थ
की रासायनिक संरचना में परिवर्तन नहीं करते है | यह केवल उसके भौतिक रूप में बदलाव करते
हैं |
किसी पदार्थ के स्वरूप में बदलाव वह बदलाव है | जो उसे जम जाने ने पर जमाने पर उबालने पर संघनीत करने पर या निक्षेपित करने पर होता है | यह भी एक तरह का भौतिक बदलाव ही है क्योंकि इसमें पदार्थ की प्रकृति
में बदलाव नहीं होता या दूसरे शब्दों में कह लूं तो पदार्थ में रासायनिक परिवर्तन या पदार्थ की रासायनिक
संरचना में परिवर्तन नहीं होता है |
रासायनिक बदलाव
रासायनिक बदलावों को रासायनिक अभिक्रिया
भी कहते हैं अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारक कहलाते हैं और अंतिम परिणाम को
उत्पाद कहा जाता है अभिकारक का उत्पाद में
बदलाव तीर के चिन्ह द्वारा दिखाया जाता है
गैस के बुलबुलों का बनना( उबलने से बने
बुलबुले इसका अपवाद है) अक्सर रासायनिक बदलाव के
कारण ही होता है तलछट बनना भी रासायनिक बदलावों का ही परिणाम होते हैं
सड़ना जलना, पकाना और जंग लगना इसी
तरह के रासायनिक बदलावों के उदाहरण है | यह पूरी तरह से एक पदार्थ को दूसरे रासायनिक
यौगिक में बदल देते हैं | उदाहरण के लिए लकड़ी के जलने से राख कार्बन डाइऑक्साइड और
पानी मिलता है |जब लोहा पानी के संपर्क में आता है, तो लोहा कई जलीय या हाइड्रेटेड आयरन ऑक्साइड और हाइड्रोक्साइड का मिश्रण बनाता है | इसी तरह यीस्ट जो कि एक बैक्टीरिया है | किण्वन की प्रक्रिया द्वारा शुगर को अल्कोहल में बदल देता है |
रंग में अचानक हुआ बदलाव या गंध का
निकलना रासायनिक परिवर्तन के संकेत हैं | उदाहरण के लिए क्रोमियम तत्व की ऑक्सीकरण अवस्था उसके
रंग द्वारा निर्धारित की जाती है | क्रोमियम योगिक ऑक्सीकरण और अपचयन की अभिक्रियाओं के बिना अपने रंग में बदलाव नहीं करता है | इसी तरह पकाने के समय उत्पन्न ऊष्मा अंडे के पारदर्शी हिस्से की प्रोटीन की संरचना में बदलाव कर देती है
और इस तरह उसकी आणविक संरचना बदल जाती है और अंडे
का पारदर्शी भाग बदलकर अपारदर्शी और सफेद हो जाता है |
कोई बदलाव भौतिक है या रासायनिक इसका
मूल्यांकन करने का सबसे अच्छा तरीका रासायनिक मूल्यांकन है | जैसे मास
स्पेक्ट्रोस्कोपी इससे यह पता चल जाता है कि किसी पदार्थ के संगठन में अभिक्रिया से पहले और बाद में क्या बदलाव आया है |