एक तत्व के अंदर एक ही तरह के परमाणु पाए जाते हैं और एक योगिक में दो या दो
से अधिक तरह के परमाणु या अणु एक निश्चित अनुपात में पाए जाते हैं |
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मुख्य बिंदु
- तत्व सरलतम और पूर्ण रासायनिक पदार्थ है | हर तत्व की रासायनिक सारणी में अलग जगह होती है |एक तत्व एक ही तरह के परमाणुओं से मिलकर बना होता है | हर परमाणु में प्रोटॉन की समान संख्या होती है |
- रासायनिक बंध दो या दो से अधिक तत्वों को आपस में जोड़कर जटिल अणुओं का निर्माण करते हैं, जिन्हें यौगिक कहा जाता है | एक यौगिक दो या दो से अधिक प्रकार के तत्वों से मिलकर बना होता है |जिनके बीच सहसंयोजक या आयनिक बंध पाए जाते हैं |
- तत्वों को बड़े पैमाने पर ऊर्जा (नाभिकीय उर्जा) के उपयोग के बिना उनकी छोटी इकाइयों में विभाजित नहीं किया जा सकता है |दूसरी ओर यौगिकों के बंधों को कम ऊर्जा के उपयोग से तोड़ा जा सकता है |जैसे :-आग की गर्मी से |
- द्रव्य को दो भागों में बांटा जाता है: शुद्ध पदार्थ और मिश्रण | शुद्ध पदार्थों को आगे तत्व और यौगिक में बांटा जाता है | मिश्रण एक भौतिक संरचना है जिसे उसके वास्तविक अवयवों के रूप में अलग किया जा सकता है |
मुख्य शर्तें
- तत्व वह सरलतम रसायनिक पदार्थ है जिसे रासायनिक अभिक्रिया द्वारा बदला नहीं जा सकता है | यह एक ही तरह के परमाणुओं से मिलकर बना होता है जिनके अंदर प्रोटॉन की समान संख्या होती है|
- रासायनिक बंध व आकर्षण बल है जो परमाणुओं को आपस में बांधकर अणुओं का निर्माण करता है |
- यौगिक एक ऐसा रासायनिक पदार्थ है जो दो या दो से अधिक परमाणु,अणुओं जिनके बीच रासायनिक बंध पाया जाता है किन निश्चित अनुपात में मिलने से बनता है इनके अंदर अपने विशेष गुण होते हैं, जो उनको बनाने वाले परमाणुओं के गुणों पूरी तरह से अलग होते हैं |
तत्व और यौगिक
तत्व
एक रासायनिक तत्व शुद्ध पदार्थ होता है | जिसमें एक ही तरह के परमाणु पाए जाते हैं | हर परमाणु का अपना परमाणु क्रमांक होता है जो उसके एक परमाणु के नाभिक केअंदर उपस्थित प्रोटॉन्स की संख्या बताता है | रासायनिक सारणी में तत्व अपने बढ़ते हुए परमाणु क्रमांक के अनुसार व्यवस्थित
होते हैं |
रासायनिक तत्वों को धातु, अधातु और
उपधातुओं में बांटा जाता है | धातुओं को रासायनिक सारणी में बाई और देखा जा सकता है |
- धातु विद्युत के सुचालक होते हैं |
- चमकदार होते हैं |
- कुछ चुंबकीय गुण दर्शाते हैं |
- आघातवर्धनीय होते हैं |
धातुओं के कुछ उदाहरण हैं:- सोना,मरक्यूरी और लेड |
इसके विपरीत अधात्विक तत्व रासायनिक
सारणी में दाहिनी ओर मिलते हैं |
- यह विद्युत का कुचालक होते हैं |
- आघातवर्धनीय नहीं होते और आसानी से टूट जाते हैं |
- इनमें चमक नहीं होती |
- यह चुंबकीय गुण नहीं दर्शाते |
उप धातुओं के कुछ गुण धातुओं की तरह होते हैं और कुछ गुण
अधतुओं की तरह उप धातुओं के कुछ उदाहरण हैं | सिलिकॉन
औरआर्सेनिक |
नवंबर 2011 तक 118 तत्वों की पहचान कर ली गई थी | इन 118 तत्वों में केवल 98 ही पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं | जो पदार्थ प्राकृतिक रूप
से नहीं पाए जाते हैं उन्हें न्यूक्लियर रिएक्शन या नाभिकीय अभिक्रियाओं द्वारा बनाया
जाता है | प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले 98 तत्वों में से केवल 80 तत्व ही स्थिर होते हैं | बाकी बचे हुए तत्व रेडियोधर्मी होते हैं | यह अत्याधिक अस्थिर होते हैं और स्थिरता प्राप्त करने के लिए नए
परमाणु को उत्पन्न करते रहते हैं | यह विघटन तब तक चलता रहता है, जब तक मूल परमाणु
किसी स्थाई रेडियोएक्टिवताविहीन
परमाणु में नहीं बदल जाता है | हाइड्रोजन और
हीलियम इस पूरे ब्रह्मांड में सबसे अधिक प्रचुरता से पाए जाने वाले तत्व हैं | पृथ्वी की संरचना में लोहा सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है | हालांकि सभी रासायनिक पदार्थ इन्हीं तत्वों से मिलकर बने होते हैं पर
यह रासायनिक पदार्थ इस ब्रम्हांड के केवल 15% द्रव्य का ही निर्माण करते हैं | ब्रह्मांड का बाकी हिस्सा डार्क मैटर
का बना हुआ है | यह एक रहस्यमई पदार्थ है | जिसकी रचना रासायनिक पदार्थों से नहीं हुई है और यही कारण है की डार्क
मैटर में प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉन और न्यूट्रॉन नहीं पाए जाते हैं |
यौगिक (Compounds)
तत्व प्रकृति में साधारण तरह अपनी मूल अवस्था में नहीं पाए जाते हैं | प्रकृति में सामान्य रूप से पाए
जाने वाले 98 तत्वों की पहचान भी पृथ्वी की सतह पर पाए गए खनिजों के नमूनों से की गई थी | तत्व इस प्रकृति में बहुत ही मात्रा में अपनी मूल अवस्था में पाए जाते हैं | मूल अवस्था में पाए जाने वाले कुछ तत्व कॉपर, सोना, चांदी और सल्फर हैं | कार्बन साधारण रूप में कोयले, ग्रेफाइट और हीरे के रूप में पाया जाता है | नियॉन और मरक्यूरी भी कुछ ऐसे ही तत्व
है, जो प्रकृति में अपनी मूल अवस्था में पाए जाते हैं | पर अधिकतर तत्व प्रकृति में अपने मिश्रणों के रूप में ही पाए जाते हैं |
जब दो अलग तत्व रासायनिक दृष्टि से मिलते हैं, तो उनके परमाणु के
मध्य बना रासायनिक बंध का परिणाम ययौगिक कहलाता है | पृथ्वी पर पाए जाने वाले अधिकांश तत्व रासायनिक यौगिक बनाने के लिए दूसरे तत्वों से बंधों का निर्माण करते हैं | जैसे सोडियम और क्लोराइड आपस में मिलकर सोडियम क्लोराइड NaCl या नमक का निर्माण करते है | पानी भी इसी तरह का एक दूसरा उदाहरण है | पानी एक रासायनिक यौगिक है | किसी यौगीक के अवयवों का रासायनिक अभिक्रियाओं द्वारा पृथक्करण किया जा सकता है |
रासायनिक यौगिकों की विशेष निश्चित संरचना होती है जिसके अंदर परमाणु एक निश्चित अनुपात
में रासायनिक बंधो द्वारा एक व्यवस्थित संरचना का निर्माण करते हैं |
रासायनिक योगिक हो सकते हैं:-
- सह संयोजी बंधों द्वारा जुड़े आणविक योगिक |
- आयनिक बंधों द्वारा जुड़ा नमक |
- धात्विक बंधों द्वारा जुड़ा एक धात्विक योगिक |
- समन्वयक सह संयोजक बंधों द्वारा जुड़ा एक सकुल |
शुद्ध रासायनिक तत्वों को रासायनिक यौगीक नहीं माना जाता है | भले ही उनके अंदर दो (डाई एटॉमिक) या दो से अधिक (पॉली एटॉमिक) तत्व क्यों न उपस्थित हों ( ऐसा
परमाणु जिसके अंदर एक ही तत्व के कई परमाणु उपस्थित हैं जैसे H2 और S8 ) |